निकोला टेस्ला की आत्मकहानी (Biography of nikola Tesla ) सोचिये कि आज बिजली नही होती तो कैसा होता | वर्तमान युग में बिजली के बिना जीवन असम्भव सा लगता है क्योंकि दैनिक जीवन में हम सारे कार्य बिजली के प्रयोग से ही करते है | लेकिन आज से लगभग 100 and fifty साल पहले बिजली का कोई नामोनिशान नही था और लालटेन एवं मशालो के जरिये ही जीवन निकालना पड़ता था | तब एक वैज्ञानिक ने ऐसा कमाल कर दिखाया जिसके लिए आज भी इन्सान उनका ऋणी है | निकोला टेस्ला ने बिजली की खोज कर वैज्ञानिक युग में एक क्रान्ति ला दी थी | आइये आज उसी महान वैज्ञानिक creator निकोला टेस्ला की जीवनी से आपको रुबुरु करवाते है | Nikola Tesla निकोला टेस्ला एक साइबेरियाई-अमेरिकी अविष्कारक , भौतिक विज्ञानी ,मैकेनिकल इंजिनियर ,इलेक्ट्रिकल इंजिनियर और भविष्यवादी थे | निकोला टेस्ला का जन्म 10 जुलाई 1856 को वर्तमान स्माइलजान ,क्रोअशिया में हुआ था | बिजली के अविष्कार करने की प्रेरणा निकोला को उनकी माँ डिजुका मेंडिस से मिली ,जिन्होंने अपने खाली समय में घर में कई छोटे मोटे उपकरण बना लिए थे | creator निकोला के पिता मिलुटिन टेस्ला ...
ब्रह्मांड का जन्म एक महाविस्फोट के कारण हुआ है. लगभग बारह से चौदह अरब वर्ष पूर्व संपूर्ण ब्रह्मांड एक परमाण्विक इकाई के रूप में अति-संघनित (pressed) था. उस समय, समय और स्थान जैसी कोई वस्तु अस्तित्व में नहीं थी. लगभग 13.7 अरब वर्ष पूर्व इस महाविस्फोट से अत्यधिक ऊर्जा (essentialness) का उत्सजर्न (release) हुआ और हर 10-24 सेकंड में यह धमाका दोगुना बड़ा होता गया. यह ऊर्जा इतनी अधिक थी जिसके प्रभाव से आज तक ब्रह्मांड फैलता ही जा रहा है. इस धमाके के कारण three लाख साल बाद पूरा ब्रह्मांड हाइड्रोजन और हीलियम गैस के बादलों से भर गया. इस धमाके के three लाख eighty हज़ार साल बाद अंतरिक्ष में सिर्फ फोटोन ही रह गये. इन फोटोन से तारों और आकाशगंगाओं का जन्म हुआ, और बाद में जाकर ग्रहों और हमारी पृथ्वी का जन्म हुआ. यही महाविस्फोट यानी बिग-बैंग का सिद्धांत है. Contents क्या आपको पता है कि जो वैज्ञानिक ब्रह्माण्ड के बारे में अध्ययन करते है उसे विज्ञान में खगोलीय विज्ञान (Astronomical) कहा जाता है. खगोल विज्ञान, विज्ञान की एक बहुत ही रोचक और रहस्यमय शाखा माना गया है....
पुराने समय मै वैचारिक लोग किसी बात की सत्यता तर्क से निकलना और उसके बाद उसे प्रयोग के द्वारा सिद्ध करना ऐसी बातें नहीं करते थे और इसी कारण से उस समय मै वैज्ञानिक नहीं थे कोपरनिकस और ऐसे बोहोत कम लोग थे जो वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखते थे और गैलिलिओ का जन्मा होने से पहले सब लोग एरिस्टाटल की वैचारिक बातें मानते थे एरिस्टाटल का कहना था की सूरज पृथ्वी का चक्कर लगता है और इसको ही सब लोग मानते थे इसके आगे जाने की उस समय कोई हिम्मत नहीं करता था गैलिलिओ की पेंटिंग लेकिन इसके बाद गैलिलिओ ने इसके खिलाफ बोलने की हिम्मत दिखाई उनोने kepler को लिखें पत्र मै साफ लिखा है की उनको एरिस्टाटल की बातें बेबुनियाद लगती है और koparnikas का कहना सच लेकिन अगर बोलने की कोशिश की तो लोग हसेंगे इसलिए मै चुप रहा गैलिलिओ ने motion और astronomy के विषय बोहोत संशोधन किया और अपने जीवन के 20 साल कोपर्निकस और tolemy के विचारों मै बिताये गैलिलिओ को तारों का kolambas ऐसा भी कहा जाता है गैलिलिओ का जमना 15 फेब्रुअरी 1564 को हुआ और लगभग उसी साल शेक्सपियर का भी जन्मा हुआ था गैलिलिओ को 6 भाई थे और गैल...
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