क्या है ब्रम्हांड का रहस्य ?? जानिए !!!

ब्रह्मांड का जन्म एक महाविस्फोट के कारण हुआ है. लगभग बारह से चौदह अरब वर्ष पूर्व संपूर्ण ब्रह्मांड एक परमाण्विक इकाई के रूप में अति-संघनित (pressed) था. उस समय, समय और स्थान जैसी कोई वस्तु अस्तित्व में नहीं थी. लगभग 13.7 अरब वर्ष पूर्व इस महाविस्फोट से अत्यधिक ऊर्जा (essentialness) का उत्सजर्न (release) हुआ और हर 10-24 सेकंड में यह धमाका दोगुना बड़ा होता गया. यह ऊर्जा इतनी अधिक थी जिसके प्रभाव से आज तक ब्रह्मांड फैलता ही जा रहा है. इस धमाके के कारण three लाख साल बाद पूरा ब्रह्मांड हाइड्रोजन और हीलियम गैस के बादलों से भर गया. इस धमाके के three लाख eighty हज़ार साल बाद अंतरिक्ष में सिर्फ फोटोन ही रह गये. इन फोटोन से तारों और आकाशगंगाओं का जन्म हुआ, और बाद में जाकर ग्रहों और हमारी पृथ्वी का जन्म हुआ. यही महाविस्फोट यानी बिग-बैंग का सिद्धांत है.

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    क्या आपको पता है कि जो वैज्ञानिक ब्रह्माण्ड के बारे में अध्ययन करते है उसे विज्ञान में खगोलीय विज्ञान (Astronomical) कहा जाता है.

    खगोल विज्ञान, विज्ञान की एक बहुत ही रोचक और रहस्यमय शाखा माना गया है.

    ब्रह्माण्ड में सभी ग्रह, तारे, गैलेक्सियाँ (Galeksiya), गैलेक्सियों के बीच के अंतरिक्ष की अंतर्वस्तु, परमाण्विक कण, और सारा पदार्थ और सारी ऊर्जा शामिल हैं.

    खगोल विज्ञान में बहुत ही दूर स्थित आकाशीय पिंडों का अध्ययन किया जाता है जिसे समझना बहुत मुश्किल हैं

    पिनव्हील गैलेक्सी (Pinwheel Galaxy) को मेसियर one hundred and one भी कहते हैं. पिनव्हील गैलेक्सी, पृथ्वी से five करोड़ प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है. यह तस्वीर इस आकाशगंगा की सबसे ज्यादा विस्तृत तस्वीर है और इसे हब्बल टेलिस्कोप (Hubble Telescope) ने लिया है.

    खगोल विज्ञान से जुड़े कई सिद्धांत बहु प्रतलित है. जैसे के विशेष तथा साधारण सापेक्षतावाद.

    ब्रह्माण्ड में अनगिनत भौतिक वस्तुएं मौजूद हैं. इसमें ही अरबों तारे, सौर मण्डल और आकाशगंगाएं है. पर यह सिर्फ सारी वस्तुओं का twenty five प्रतिशत ही है.

    ब्रह्माण्ड को मुख्यत इसे तीन अक्ष में मापा जाता है जैसे कि लंबाई, चौड़ाई और गहराई. तीनो अक्षों को गणितीय शब्दों में x अक्ष, y अक्ष और z अक्ष कहा जाता है.

    अगर नासा एक पंक्षी को अंतरिक्ष में भेजे तो वह उड़ नहीं पाएगा और जल्दी ही मर जाएगा. क्योंकि वहां पर उड़ने के लिए बल ही नहीं है.

    श्याम पदार्थ (diminish issue) ब्रह्माण्ड में पाया जाने वाला ऐसा पदार्थ है जो दिखता नहीं पर इसके गुरुत्व का प्रभाव जरूर पाया गया है. तभी इसे श्याम पदार्थ का नाम दिया गया है.

    अगर आप one मिनट में a hundred तारे गिन लें तो आप 2000 साल में एक पुरी आकाशगंगा गिन देगें.

    ब्रह्मांण्ड में कुछ आकाशगंगाएं इतनी दूर होती हैं कि उनका प्रकाश पृथ्वी तक पहुँचने में लाखों साल का समय लेता है.

    महाविस्फोट सिद्धांत (Big Bang Theory) में बताया गया है कि ब्रह्माण्ड fifteen खरब साल में ninety three खरब प्रकाश वर्ष तक फैल चुका है.

    क्या आपको पता है कि सितारे, तारे और उपग्रह सभी एक दूसरे को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं.

    ब्रह्मांड चारों तरफ से जल, बादल, वायु और आकाश से घिरा हुआ है.

    आकाशगंगा का व्यास लगभग लाख प्रकाशवर्ष है और इसका प्रवाह उत्तर से दक्षिण की ओर होता है.

    हमारी आकाशगंगा (Galaxy) का नाम मंदाकिनी है, हमारा सौर मण्डल इसी आकाशगंगा में है.

    ब्रह्माण्ड में द लार्ज मेगालीनिक कलाउड आकाशगंगा(The gigantic Cloud framework Megalinik) सभी आकाशगंगाओं से सबसे ज्यादा चमकदार है.

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