गैलिलिओ दुनिया के सबसे पहले वैज्ञानिक की कहानी

पुराने समय मै वैचारिक लोग किसी बात की सत्यता तर्क से निकलना  और उसके बाद उसे प्रयोग के द्वारा सिद्ध करना ऐसी बातें नहीं करते थे और इसी कारण से उस समय मै वैज्ञानिक नहीं थे कोपरनिकस  और ऐसे बोहोत कम लोग थे जो वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखते थे और गैलिलिओ का जन्मा होने से पहले सब लोग एरिस्टाटल की वैचारिक बातें मानते थे एरिस्टाटल का कहना था की सूरज पृथ्वी का चक्कर लगता है और इसको ही सब लोग मानते थे इसके आगे जाने की उस समय कोई हिम्मत नहीं करता था


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गैलिलिओ की पेंटिंग 

लेकिन इसके बाद गैलिलिओ ने इसके खिलाफ बोलने की हिम्मत दिखाई उनोने kepler को लिखें पत्र मै साफ लिखा है की उनको एरिस्टाटल की बातें बेबुनियाद लगती है और koparnikas का कहना सच लेकिन अगर बोलने की कोशिश की तो लोग हसेंगे इसलिए मै चुप रहा गैलिलिओ ने motion और astronomy के विषय बोहोत संशोधन किया और अपने जीवन के 20 साल कोपर्निकस और tolemy के विचारों मै बिताये गैलिलिओ को तारों का kolambas ऐसा भी कहा जाता है गैलिलिओ का जमना 15 फेब्रुअरी  1564 को हुआ और लगभग उसी साल शेक्सपियर का भी जन्मा हुआ था गैलिलिओ को 6 भाई थे और गैलिलिओ सबसे बड़ा था और उसके पिताजी बड़े संगीतकार थे और उन्होंने ही उनको खुद का विचारों बनाने को प्रेरित किया और गैलिलिओ भी सतार बजाने मै मशहूर हुए इसके साथ गैलिलिओ ने मठ मै जाकर भिक्षा भी मांगी, लेकिन उनके पिताजी को उने डॉक्टर बनाना था इसलिए उनोने गैलिलिओ को यूनिवर्सिटी मै प्रवेश दिलाया लेकिन वहा पर भी गैलिलिओ पढ़ाई पे ध्यान देने के बजाय कुछ अलग ही बातें करते रहते थे और उसका परिणाम पैसे ना होने के कारण उन्हें पढ़ाई बिच मै छोड़नी पड़ी और पेट भरने के लिए उनोहने प्राइवेट क्लास लिए

गैलिलिओ के बारे मै एक मशहूर कहानी बताये जाती है 1853 के साल मै जब गैलिलिओ 17 साल के थे पिसा के चर्च मै एक धर्मगुरु का प्रवचन चालू था और उनका मन उस प्रवचन मै बिलकुल नहीं लग रहा था तभी अचानक उनोने अपने सर के ऊपर आकाश कंदील दिखा उनके दिमाग़ एक बिजली सी दौड़ी और वो नाचते हुए वहा से घर आये और उसके बाद उनोने उसपर प्रयोग करना शुरू किया की उनोने देखा की लैंप को हर डोलन पूरा करने मै बराबर का समय लग रहा है भले ही डोलन की लम्बाई हर बार अलग हो और सबसे मजेदार बात उस समय घड़ी नहीं थी तो उनोने समय मापने के लिए नब्ज़ का इस्तेमाल किया इसी डोलन का इस्तेमाल उनोने आगे गति के नियम निकलने के लिए भी किया और इसी के मदद से hugensan नमक वैज्ञानिक ने घड़ी बनाई उस चर्च मै आज भी वो लैंप मौजूद है जिसे लोग गैलिलिओ का दिया(Galilio Lamp) कहते है उसके  बाद गैलिलिओ के मित्र मार्क्विस मोंटे  ने उनकी बोहोत मदद की और किसी विद्यापीठ मै उनको गणित मै विषय मै नौकरी दिलाई और फिर 1951 मै उनोने अपने प्रयोग किये हुए बात को साबित करने के लिए सबके सामने पिसा के zuke मनोरे से वजन से  हरी और हलकी चीज एक ही समय पर निचे गिरती है ये दिखाया और इसके बारे मै भी एक बड़ी मनोरंजक कहानी है पिसा की मंजिल सन 1174 मै बँधी गए थी और आज ये मंजिल सीधे से 17 फ़ीट और ज़ुकी है जब गैलिलिओ ने यह प्रयोग किया तब उसने बड़े आदमियों को देखने बुलाया था और मंजिल के बाहर बोहोत सारी भीड़ थी और गैलिलिओ खुद मंजिल की सीढ़िया चढ़कर ऊपर गए थे और उनको बोहत पसीना आया था और ऊपर जाने ke बाद 179 फिट के ऊंचाई से उनोने दो बड़े पथर के गोले निचे छोड़ दिए दोनों का वजन अलग रखा था और दोनों गोले एक साथ जमीन पर गिरे ये सब लोग देख रहे थे लेकिन इसके बारे मै किसी की बोलने की हिम्मत नहीं थी क्यों की एरिस्टाटल के विचारों अभी भी वो मान रहे थे
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पिसा का ज़ुका हुआ मनोरा :सौजन्य :UNS PLASH.कॉम  


उसके बाद के साल गैलिलिओ को अच्छे नहीं गए गैलिलिओ पिसा के यूनिवर्सिटी के प्राध्यापकों की बात नहीं मानता था उनके सरे नियम तोड़ता था। उस समय मे यूनिवर्सिटी मे हर एक शिक्षक के लिए एक खास पोशाख था लेकिन वो बोहोत फिट होता था और इस बात का बहाना बनाकर गैलिलिओ वो कपडे नहीं पहनते थे। इस बात से उन्हें बोहोत दंड भरना पड़ा। और उसके बाद उनको नौकरी से निकला गया और इसी समय उनके पिता की मृत्यु हो गई। उनके छोटे भाई और बहन की जिम्मेदारी भी उनपर आ गई और भाई उनसे पैसे मांगता था। इसी समय सोगरेडो नाम के बड़े आमिर आदमी को गैलिलिओ ने मदद की सगरेडो को घर पर बड़े बड़े वैज्ञानिक आते थे और पार्टी रखी जात थी। उसके बाद गैलिलिओ पाडुआ चले गए जहा उन्हें  पडुआ विद्यापीठ मे नौकरी मिल गए और यहाँ के वातारण बोहोत खुला था जिसके कारन वो यहाँ पे जल्द  घुल मिल गए।

विद्यापीठ मे उनका पहला लेक्चर बोहोत लोकप्रिय हुआ यहाँ पे उनोने एक छोटा मकान खरीद लिया वेनिस की मारिया गम्बा  नाम की लड़की के साथ उनोने शादी के बिना १० साल बिताये। मरीना दिखने मे तो बहुत सुन्दर थी लेकिन उसको गुस्सा बोहोत आता था मरीना और गैलिलिओ के माँ का एक दूसरे के साथ बोहोत झगड़ा होता था (देखा जाये तो ये सास बहु की नौकझौक बहुत पुराणी है और गैलिलिओ की इस बात को टीवी वालो से छुपाना ही अच्छा  होगा नहीं तो उसपर भी ये लोग सीरियल निकल लेंगे ) इस दौरान गैलिलिओ को २ लड़किया हुई वर्जीनिया और लिविया ऐसे उनके नाम थे और एक लड़का भी था जिसका नाम विंसेंज़ा था। लेकिन फिर भी मारिया से शादी नहीं की। इसी दौरान गैलिलिओ ने acceleration और projectile के बारेमे बोहोत संशोधन किया। 

एरिस्टाटल का मानना था की दुनिया स्थिर है और इसमे ज्यादा कोई  बदलाव नहीं होते है लेकिन इसी समय सन १६०४  मे आकाश मे एक नया तारा दिखाए दिया और फिर से एरिस्टाटल और गैलिलिओ का विवाद चालू हो गया। १६०९ मे उन्हें पता चला की किसी ने पाइप मे कांच लगाकर देखा तो बोहोत दूर की नाव पास दिखने लगी। इसी बारेमे भी एक कहानी है हंस लिपर्शे नमक आदमी हॉलैंड मे चश्मे बनाने का काम करता था। चश्मे की कांच ठीक से काम कर रही है या नहीं ये देखने के लिए वो कांच को सूरज की और करता था लेकिन एक बार गलती से उसने दोनों कांच सामने सामने रख दिए और इससे उसे दूर की चीजे पास दिखाए दीये। और फिर उसने इसको पाइप मे डालकर बेचना शुरू किया और ऐसे खिलोने (Telescope ) हर घर मे दिखाए देने लगे। और उसने पेटेंट के लिए अर्ज किया लेकिन उसको रिजेक्ट करके उसे बताया गया की इस पेटेंट के लिए बोहोत सरे लोग आते है। और उसी दौरान गैलिलिओ वेणीस मे थे और कुछ लोग वह जाकर इस telescope की कुछ खेल दिखने वाले थे गैलिलिओ को ये बात पता चली। गैलिलिओ बोहोत होशियार थे उनोने सोचा की वो लोग आने के पहले ही अगर मैंने इससे अच्छी दूरबीन बनाये तो मेरे फायदा होगा। और तुरंत ही गैलिलिओ ने २४ घंटे मे उन लोगो के telescope से ३ होना शक्तिशाली टेलेस्कोप बनाई और वेनिस के बड़े लोगो को दिखाए इससे उनकी प्रतिमा बड़े लोगो मे ज्यादा बढ़ गई। और इस बात से उन्हें पैसे भी बोहोत मिले। 


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इस टेलिस्कोप की मदत से गैलिलिओ को गुरु ग्रह के चाँद देखे !!


गैलिलिओ ने फिर सोचा की अगर इसी telescope से अगर समुन्दर के जहाज देखने के बजाये आकाश के तारे देखे तो ? और फिर गैलिलिओ ने अपना टेलिस्कोप आकाश की तरफ किया और इसी बात से आजतक के विज्ञानं की भाषा बदल गए और इसी कारन गैलिलिओ को सबसे पहले वैज्ञानिक माना जाता है। इस टेलिस्कोप की मदत से उनोने चाँद के पर के परबत ज्वालामुखी देखे,१६१० मे गुरु ग्रह का निरीक्षण करके उसकी परिक्रमा करने वाले चाँद (उपग्रह ) ढूंढ निकले। शुक्रतारा का अभ्यास किया और और इन सब संशोधन के ऊपर उनोने ''Stari Messanger '' नाम की पुस्तक लिखी। जब उनोने गुरु ग्रह के चाँद  देखे तो उन एक बात पता चली की चाँद सिर्फ हमारे पृथ्वी को ही नहीं बल्कि बाकि ग्रह को भी है इसका मतलब हमारी पृथ्वी पुरे विश्व के बिच नहीं हो सकती और उसे koparnikas की बात पर पूरा विश्वास हो गया।  ''Stari Messanger '' पुस्तक के कारन गैलिलिओ एक रात मे हीरो बन गए। लेकिन चर्च ने उसे मुर्ख कहा और चाँद पवित्र है ऐसा कहा  उसपर परबत ज्वाला मुखी ऐसा कुछ नहीं है ऐसा कहा। 

 पुराने समय मे बड़े राजा सरदारों के घर बहुत बड़े विवाद पर चर्चा होती थी और इसके लिए बड़े बड़े विद्वानों को तन्खाव्ह दी जाती थी उसमे गैलिलिओ भी थे १६११ मे पिसा के कॉलबे ने गैलिलिओ को चर्चा के लिए आवाहन किया। और इसके लिए चर्चा का विषय था बर्फ पानी के पानी के ऊपर क्यों तैरता है ? और उसपे गैलिलिओ ने जवाब दिया की बार पानी से हल्का होने के कारन पानी के ऊपर तैरता है। कॉलबेन ने एरिस्टाटल के बताये गए नियमो के अनुसार कहा की बर्फ पानी से पतला होने के कारन तैरता है ऐसा कहा। और इसपर गैलिलिओ एक दूसरा पतला टुकड़ा लेकर पानी मे दाल दिया पतला टुकड़ा सीधा पानी के निचे गया और सही कारन साबित किया।


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गैलिलिओ के हस्ताक्षर 


इसके बाद गैलिलिओ का जीवन एरिस्टाटल के विचारो को गलत साबित करने और बताने मे ही बिट गए कोपरनिकस सही है ऐसा बोलने पर दूसरे लोग जो खुद को वैज्ञानिक मानते थे उनोने गैलिलिओ को डरते थे। जब गैलिलिओ इसके खिलाफ बोलते थे तब उनको शिक्षा सुनाई जाती थी लेकिन उसके मित्र पोप को समझा के शिक्षा माफ़ करने को कहते थे। और इसके बदला गैलिलिओ को लिख कर देना पडता था। और फिर कुछ साल बाद भीड़ गैलिलिओ चर्च ;खिलाफ बोलते और फिर सजा फिर लिख कर देना ऐसा कुछ साल तक चला। उस समय चर्च के खिलाफ बोलने पर लोगो जिन्दा जला दिया जाता था। लेकिन गैलिलिओ उसके मित्र के कारन बच जाते थे। लेकिन आखिर १६३२ मे कुछ मित्रों के विरुद्ध जाकर गैलिलिओ ने ''Dialogue Concerning The Two Chief World Systeams '' नाम की पुस्तक लिखा जो तत्काल बेस्टसेलर हो गया। जिसमे गैलिलिओ ने २आदमी की बातचीत बड़ी नाट्यमय तरीके से लिखी थी उसमे सिम्प्लिसिओ नाम का एक पुराने तौर तरीके वाला आदमी का चित्रण किया गया है। और यह आदमी चर्च और पोप की तरह बातें करता था और दूसरी तरफ साल्विसिटी  नाम का आदमी कोपरनिलकस के विचार बता रहा है ऐसा लिखा था। और तीसरा आदमी निवेदक के तौर  पर दिखाया है। और उस आदमी के सब बातें कैसी सच है ऐसा इस पुस्तक मे लिखा था। और इस बार पोप बोहोत ज्यादा गुस्सा हो गया उनोने गैलिलिओ को रोम मे आने का आदेश दिया और वह पे २२ जून १६३३ को ६ महीने के कोर्ट विवाद के बाद अंधे हुए गैलिलिओ को लिख के देना पड़ा की ""मे ७० साल का बूढ़ा आदमी अपने पैर पर बैठकर माफ़ी मांगता हु और पृथ्बी सूरज का चक्कर लगाती है ये बात गलत है ऐसा मान्य करता हु। और मेरे गलती के लिए मे शर्मिंदा हु ऐसा लिख के दिए लेकिन जब वो चर्च के बहार आया तब फिर से उसने पृथ्वी सूरज का चक्कर लगाती है ऐसा कहा। चर्च ने गैलिलिओ के बाकि पुस्तक जला दिए लेकिन तब तक बाकि बोहोत सरे बुक्स बिक चुके थे।


लेकिन इसके बावजूद भी उनको नजरकैद मे रखा गया था। और इस दौर मे उनको बोहोत सरे रोगो ने घेर लिया। और वो पूरी तरह अंधे हो गए इसी समय उनकी बेटी वर्जीनिया ने उनकी बोहोत सेवा की गैलिलिओ बोहोत निराश रहते थे फिर वर्जीनिया उनको खत लिखकर उनको हँसाने की कोशिश करती थी। लेकिन इतिहास ये खत किसी को नहीं मिली। इन दोनों के रिश्ते पर गैलिलोज डॉक्टर नाम का पुस्तक बोहोत लोकप्रिय हुआ। इस समय अगर गैलिलिओ को किसे मिलना हो तो खास इजजत लेनी पड़ती थी। और वो कुछ भी प्रकाशित नहीं कर सकते थे। फिर भी उनोने अपना संशोधन चालू रख के चुप के हॉलैंड मे लॉज़ पफ मोशंस नाम का पुस्तक प्रकाशित किया। और उस समय तक गैलिलिओ पूरी तरह अंधे हो चुके थे। और पुस्तक लिखने मे उन्हें बोहोत सरे कष्ट लेने पड़े। और इसी समय बोहोत ज्यादा ठण्ड पड़ी /और ८ जनवरी १६४२ को गैलिलिओ नहीं रहे। पोप सजा देंगे इस दर के बजह से १०० साल तक गैलिलिओ का कोई स्मारक नहीं बना। लेकिन जब बनाने किये उसके शव को बहार निकला तब उसके साथ और और शव मिला हो सकता है की उसके बेटी का हो। और उसके मृत्यु के लगभग ३४० साल बाद १९८२ साल मे इसके बारे मे कोर्ट मे मुक़दमा चला और फिर इसके ऊपर १० साल विवाद होते रहे फिर जाकर १९९२ को गैलिलिओ को न्याय मिला। और न्यूयोर्क टाइम्स के पहले पैन पर या न्यूज़ छप कर आए। लेकिन उसके  ठीक ३ साल पहले १९८९ मे  गैलिलिओ के नाम से छोड़ा गया नासा का गैलिलिओ अंतरिक्ष यान १९९५ मे गुरु ग्रह के पास पहुंच चूका था। और उसी समय गैलिलिओ को अच्छी रूप से श्रधंजलि मिली। इसके लगभग ३८५ साल पहले गैलिलिओ ही ने पहली बार गुरु के ४ चाँद अपनी टेलिस्कोप से देखे थे।


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गैलिलिओ के फिंगर 


गैलिलिओ दुनिया के पहले आधुनिक वैज्ञानिक थे। जब गैलिलिओ का मृत्यु हुआ उसी साल महान वैज्ञानिक  आइज़ैक न्युटन का जन्मा हुआ।




















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